About sidh kunjika
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देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
This Mantra is written in the shape of a dialogue involving a Expert and his disciple. This Mantra is understood to become The true secret to your peaceful state of thoughts.
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्।
नमस्ते शुंभहंत्र्यै च निशुंभासुरघातिनि ।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं स:
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
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देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।